School Time Change – पिछले कुछ दिनों से भारत-पाक सीमा पर चल रहे तनाव के कारण सीमावर्ती इलाकों में लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित हुआ था। सबसे ज्यादा असर स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर पड़ा। लेकिन अब जैसे-जैसे हालात काबू में आते जा रहे हैं, प्रशासन ने धीरे-धीरे छूट देनी शुरू कर दी है। इसी कड़ी में गुरदासपुर की डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने एक बड़ा फैसला लिया है।
अब जिले के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल पहले की तरह सामान्य समय पर खुलेंगे। पहले सुरक्षा कारणों से स्कूलों का टाइम बदल दिया गया था, लेकिन अब बच्चे फिर से अपनी पढ़ाई के पुराने ढर्रे पर लौट सकेंगे। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि क्या है यह पूरा मामला, क्यों बदला गया था स्कूलों का टाइम, अब क्या हुआ फैसला, और इसका छात्रों और अभिभावकों पर क्या असर होगा।
पहले क्यों बदला गया था स्कूलों का समय?
गुरदासपुर जिला भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा हुआ है। बीते कुछ हफ्तों में सीमा पर सीजफायर के उल्लंघन और तनाव की स्थिति पैदा हो गई थी। इसके कारण प्रशासन ने एहतियात के तौर पर स्कूलों की टाइमिंग बदल दी थी।
पहले स्कूल सुबह 10:30 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक ही खुलते थे ताकि बच्चे ज्यादा समय घर में रहें और किसी भी अनहोनी से बचा जा सके।
अब क्यों लिया गया है ये नया फैसला?
अब हालात काफी हद तक सामान्य हो चुके हैं। प्रशासन और सुरक्षा बलों ने स्थिति को काबू में कर लिया है। डिप्टी कमिश्नर का कहना है कि:
- स्थानीय माहौल शांतिपूर्ण है
- सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क हैं
- स्कूलों में सामान्य शैक्षणिक गतिविधियां फिर से शुरू हो सकती हैं
इसी आधार पर फैसला लिया गया है कि अब सभी स्कूल अपने पुराने टाइमिंग पर चलेंगे यानी सुबह 8:00 या 8:30 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे या जितना भी पहले समय निर्धारित था।
सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए गए थे?
जब हालात गंभीर थे, तब प्रशासन ने कुछ अहम फैसले लिए थे, जैसे:
- स्वैच्छिक ब्लैकआउट: 13 मई को लोगों से अपील की गई थी कि रात 8 बजे के बाद घर की और बाहर की लाइटें बंद रखें
- स्ट्रीट लाइट्स बंद: बिजली विभाग ने स्वतः ही स्ट्रीट लाइट्स बंद कर दी थीं
- सुरक्षा अभ्यास: लगातार मॉक ड्रिल्स की जा रही थीं ताकि कोई भी आपात स्थिति आने पर लोग तैयार रहें
इन सभी कदमों से यह साफ हुआ कि प्रशासन हालात को लेकर गंभीर था और कोई जोखिम नहीं लेना चाहता था।
स्कूलों के टाइम में बदलाव का असर किन पर पड़ा?
- छात्रों पर: बच्चों की पढ़ाई अधूरी रह गई थी, खासकर उन क्लासेज के जिनमें बोर्ड या सेमेस्टर परीक्षाएं नजदीक हैं।
- अभिभावकों पर: उन्हें बच्चों को समय से स्कूल भेजने और लाने की व्यवस्था बार-बार बदलनी पड़ी।
- शिक्षकों पर: उन्हें कम समय में पूरा सिलेबस कवर करना पड़ रहा था जिससे उन पर भी मानसिक दबाव था।
- प्राइवेट स्कूलों पर: कम समय में पढ़ाई कराने की वजह से उन्हें अभिभावकों से शिकायतें झेलनी पड़ीं।
अब स्कूल फिर से खुलने से क्या फायदे होंगे?
- बच्चों की पढ़ाई नियमित होगी
- स्कूल की बाकी गतिविधियां जैसे स्पोर्ट्स, योगा, आर्ट आदि दोबारा शुरू होंगी
- शिक्षकों को पूरा टाइम मिलेगा सिलेबस कवर करने का
- अभिभावकों को भी राहत मिलेगी, क्योंकि अब डेली रूटीन दोबारा सेट हो पाएगा
क्या हालात पूरी तरह सामान्य हो चुके हैं?
पूरी तरह से नहीं, लेकिन प्रशासन का मानना है कि अब जनजीवन को धीरे-धीरे सामान्य करने की जरूरत है। मॉक ड्रिल्स और सुरक्षा बलों की निगरानी अब भी जारी है, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित नहीं किया जाएगा।
डिप्टी कमिश्नर ने यह भी कहा है कि अगर फिर से कोई खतरे की स्थिति बनती है, तो तुरंत कदम उठाए जाएंगे। फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है।
लोगों से क्या अपील की गई है?
डिप्टी कमिश्नर साक्षी साहनी ने साफ कहा है कि:
- लोग किसी भी अफवाह से बचें
- सिर्फ सरकारी और आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें
- प्रशासन के साथ सहयोग करें, ताकि सब कुछ शांतिपूर्वक चले
गुरदासपुर के लोगों और खासकर छात्रों के लिए यह एक राहत भरी खबर है। लंबे समय से चल रहे अस्थायी बदलाव अब खत्म हो रहे हैं और जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है। लेकिन यह भी सच है कि स्थिति पूरी तरह से सामान्य होने में थोड़ा और वक्त लगेगा।