सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला: अब कब्जे में ली जमीन पर मिलेगा मालिकाना हक Property Possession

By Prerna Gupta

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Property Possession – अगर आपके पास कोई जमीन है जो आप कई सालों से देख नहीं पाए हैं या किसी को यूं ही छोड़ दी है, तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसा फैसला सुनाया है जिसने प्रॉपर्टी मालिकों और कब्जाधारियों दोनों को झकझोर कर रख दिया है। फैसले के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति आपकी जमीन या मकान पर लगातार 12 साल तक बिना किसी आपत्ति के कब्जा जमाए बैठा है, तो वह उस प्रॉपर्टी का मालिक भी बन सकता है।

क्या है Adverse Possession

इस कानून को “Adverse Possession” कहा जाता है। मतलब साफ है, अगर कोई व्यक्ति आपकी जमीन या मकान पर लगातार 12 साल तक रह रहा है, बिना किसी रुकावट या आपत्ति के, और वह उस प्रॉपर्टी को ऐसे इस्तेमाल कर रहा है जैसे वह खुद उसका मालिक हो, तो वह उस प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक़ भी पा सकता है। इसे लिमिटेशन एक्ट, 1963 में शामिल किया गया है।

कब्जा और मालिकाना हक़ का रिश्ता

कई लोग सोचते हैं कि अगर उनकी जमीन उनके नाम है, तो वो हमेशा उनकी ही रहेगी। लेकिन कानून के मुताबिक अगर आपने उस प्रॉपर्टी पर लंबे समय तक ध्यान नहीं दिया, और किसी और ने वहां कब्जा कर लिया, तो वह धीरे-धीरे उस पर मालिक बनने का दावा कर सकता है। ये तभी होता है जब आपने 12 सालों तक कोई शिकायत नहीं की हो और न ही कोर्ट में कोई केस डाला हो।

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क्या किराएदार भी बन सकता है मालिक

हां, ये भी संभव है। अगर कोई किराएदार बिना रेंट एग्रीमेंट के सालों से आपकी प्रॉपर्टी पर रह रहा है और आपने कभी उससे किराया नहीं मांगा, न ही उसे निकाला, तो वह भी Adverse Possession के तहत दावा कर सकता है। लेकिन उसे यह साबित करना होगा कि वह वहां मालिक की तरह रह रहा था, जैसे कि बिजली का बिल उसके नाम है, पानी का कनेक्शन उसी के नाम पर है, प्रॉपर्टी टैक्स भी उसने ही भरा है आदि।

सुप्रीम कोर्ट का ताजा फैसला क्यों बना चर्चा का विषय

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कब्जा करने वाला किसी भी स्थिति में मालिक नहीं बन सकता। लेकिन अब दो जजों की बेंच ने अपने पुराने फैसले को पलटते हुए कहा है कि अगर कब्जा लगातार, बिना विरोध के और शांतिपूर्वक किया गया है, तो वह व्यक्ति मालिकाना हक़ पा सकता है। इससे उन लाखों लोगों को राहत मिल सकती है जो सालों से किसी प्रॉपर्टी पर कब्जा किए बैठे हैं और मालिक का कोई अता-पता नहीं है।

सरकारी जमीन का क्या नियम है

सरकारी जमीन के मामले में भी ऐसा ही प्रावधान है लेकिन समय सीमा अलग है। अगर कोई व्यक्ति सरकारी जमीन पर 30 साल तक कब्जा करके बैठा है और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो वह उस जमीन पर दावा कर सकता है। हालांकि यह प्रक्रिया बहुत सख्त होती है और सबूतों की भारी जरूरत होती है।

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कैसे साबित होता है कब्जा

अगर कोई व्यक्ति कोर्ट में जाकर यह दावा करता है कि वह किसी जमीन का असली मालिक है, तो उसे कुछ खास सबूत देने पड़ते हैं जैसे

  • बिजली और पानी के बिल उसके नाम पर होने चाहिए
  • प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें उसके पास होनी चाहिए
  • वह दिखा सके कि उसने उस जमीन का रखरखाव खुद किया है
  • वहां कोई निर्माण कार्य कराया है
  • और सबसे जरूरी बात, कब्जा लगातार और शांतिपूर्वक रहा हो

मकान मालिक क्या करें

अगर आप चाहते हैं कि आपकी जमीन पर कोई अवैध कब्जा न कर ले, तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना होगा

  • अपनी प्रॉपर्टी को कभी भी लंबे समय के लिए यूं ही खाली न छोड़ें
  • अगर आप किसी को किराए पर देते हैं, तो 11 महीने का एग्रीमेंट जरूर बनाएं
  • हर साल एग्रीमेंट को रिन्यू कराते रहें
  • समय समय पर अपनी प्रॉपर्टी का मुआयना करें
  • बिजली, पानी, प्रॉपर्टी टैक्स जैसे दस्तावेज अपने नाम पर रखें
  • अगर किसी ने आपकी जमीन पर कब्जा कर लिया है, तो तुरंत कानूनी कदम उठाएं

कब्जाधारी को हटाना है तो क्या करें

अगर आपकी प्रॉपर्टी पर कोई 12 साल से कब्जा जमाए बैठा है, और आपने इस बीच कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई है, तो उसे कोर्ट के आदेश के बिना हटाना मुश्किल है। आपको कोर्ट में जाकर यह साबित करना होगा कि कब्जा गलत था, आप लगातार संपत्ति पर नजर बनाए हुए थे, और आपत्ति भी दर्ज कराई थी। बिना इन सबके कब्जाधारी के खिलाफ कार्रवाई करना आसान नहीं होगा।

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क्या वसीयत या पावर ऑफ अटॉर्नी से काम चलेगा

नहीं, सिर्फ वसीयत या पावर ऑफ अटॉर्नी होने से आप किसी प्रॉपर्टी के मालिक नहीं बन जाते। जमीन या मकान का असली मालिक बनने के लिए कब्जे और दस्तावेज दोनों का होना जरूरी है। कोर्ट भी केवल उन्हीं मामलों में कब्जा मानता है जहां दस्तावेजी सबूत हों और कब्जा निर्बाध हो।

सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों में बहुत बड़ा बदलाव लेकर आया है। इससे उन लोगों को राहत मिलेगी जो लंबे समय से किसी प्रॉपर्टी पर कब्जा किए हुए हैं लेकिन मालिक का कोई अता-पता नहीं है। वहीं, असली मालिकों को अब सतर्क रहने की जरूरत है कि कहीं कोई उनकी जमीन पर कब्जा करके मालिक न बन जाए। इसीलिए जरूरी है कि आप अपनी प्रॉपर्टी पर नजर रखें, समय समय पर उसे चेक करते रहें और कोई भी कब्जा होते ही तुरंत कानूनी कदम उठाएं।

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