Property Documents – आज के दौर में घर या जमीन खरीदना हर किसी का सपना होता है। लेकिन ये सपना अगर गलत दस्तावेजों या धोखाधड़ी के चक्कर में फंस जाए, तो ये सपना आपकी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती बन सकता है। भारत में प्रॉपर्टी से जुड़े फर्जीवाड़े के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए अगर आप भी कोई फ्लैट, प्लॉट या मकान खरीदने का सोच रहे हैं, तो आपको कुछ बेहद जरूरी दस्तावेजों की जांच जरूर करनी चाहिए।
यहां हम आपको उन 6 जरूरी डॉक्युमेंट्स के बारे में बता रहे हैं जो किसी भी प्रॉपर्टी डील को फाइनल करने से पहले ज़रूरी हैं। इन्हें नजरअंदाज करना आपको आर्थिक और कानूनी रूप से बहुत बड़ा नुकसान दे सकता है।
RERA सर्टिफिकेट – भरोसे की पहली सीढ़ी
सबसे पहले बात करते हैं RERA सर्टिफिकेट की। अगर आप कोई नया फ्लैट या प्लॉट खरीद रहे हैं, खासतौर पर बिल्डर से, तो यह देखना बेहद जरूरी है कि वह प्रोजेक्ट RERA (Real Estate Regulatory Authority) में रजिस्टर्ड है या नहीं।
- RERA सर्टिफिकेट यह सुनिश्चित करता है कि जिस प्रोजेक्ट में आप निवेश कर रहे हैं, वह सरकार द्वारा वैध रूप से मंजूर किया गया है।
- इससे प्रोजेक्ट की पारदर्शिता बनी रहती है और किसी भी तरह की धोखाधड़ी की संभावना कम हो जाती है।
- अगर कोई प्रोजेक्ट RERA में लिस्टेड नहीं है, तो उस पर आगे चलकर कानूनी कार्रवाई हो सकती है और आपका पैसा भी अटक सकता है।
इसलिए जब भी कोई प्रॉपर्टी खरीदने जाएं, तो सबसे पहले RERA की वेबसाइट पर जाकर उस प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर चेक करें।
सेल एग्रीमेंट – लेनदेन की असली पहचान
सेल एग्रीमेंट यानी बिक्री समझौता वो डॉक्युमेंट होता है जो विक्रेता और खरीदार के बीच हुए लेनदेन को लिखित रूप में दर्ज करता है।
- इसमें साफ-साफ लिखा होता है कि प्रॉपर्टी किस कीमत में बेची जा रही है, किस दिन कब्जा मिलेगा, भुगतान की क्या शर्तें हैं, और दोनों पक्षों की जिम्मेदारियां क्या हैं।
- अगर आप होम लोन ले रहे हैं, तो बैंक भी सेल एग्रीमेंट की कॉपी मांगता है।
बिना सेल एग्रीमेंट के प्रॉपर्टी खरीदना बिल्कुल ऐसा है जैसे बिना हेलमेट के बाइक चलाना – खतरा ही खतरा!
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) – कब्जे का कानूनी सबूत
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) एक बहुत ही जरूरी दस्तावेज़ होता है, खासकर तब जब आप कोई बना हुआ मकान या फ्लैट खरीद रहे हों।
- यह सर्टिफिकेट स्थानीय नगर निगम या नगरपालिका द्वारा जारी किया जाता है।
- यह प्रमाणित करता है कि इमारत का निर्माण तय मानकों के अनुसार हुआ है और उस पर किसी भी सरकारी विभाग की कोई आपत्ति नहीं है।
- इसके बिना आपको बिजली, पानी और सीवरेज जैसी सुविधाएं लेने में दिक्कत हो सकती है।
बिल्डर से OC की कॉपी मांगना बिल्कुल भी न भूलें।
एन्कम्ब्रेंस सर्टिफिकेट – प्रॉपर्टी पर कोई लोन या विवाद तो नहीं?
बहुत बार ऐसा होता है कि जो प्रॉपर्टी आप खरीद रहे हैं, वह पहले से ही किसी बैंक या व्यक्ति के पास गिरवी रखी होती है। या फिर उस पर कोई कर्ज या केस चल रहा होता है।
- Encumbrance Certificate (EC) यह दिखाता है कि उस प्रॉपर्टी पर कोई कानूनी अड़चन, ऋण या विवाद तो नहीं है।
- यह सर्टिफिकेट स्थानीय सब-रजिस्ट्रार ऑफिस से लिया जा सकता है और इसमें पिछले 10-15 साल की प्रॉपर्टी हिस्ट्री होती है।
अगर ये क्लियर नहीं हुआ, तो बाद में आपको कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ सकते हैं।
NOC – नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट
प्रॉपर्टी डील को सुरक्षित बनाने के लिए NOC यानी No Objection Certificate बहुत ही महत्वपूर्ण है।
- यह नगर निगम, फायर डिपार्टमेंट, जल विभाग, पर्यावरण विभाग जैसे सरकारी संस्थानों से लिया जाता है।
- इसका मकसद यह होता है कि इन सभी विभागों को उस प्रॉपर्टी के निर्माण या बिक्री से कोई आपत्ति नहीं है।
अगर कोई NOC नहीं है, तो आगे चलकर आपके खिलाफ कानूनी नोटिस आ सकते हैं या बिल्डिंग अवैध घोषित हो सकती है।
मालिकाना हक का प्रमाण पत्र – असली मालिक कौन है?
अंत में सबसे अहम बात – जिस प्रॉपर्टी को आप खरीद रहे हैं, उसका असली मालिक कौन है? क्या बेचने वाला व्यक्ति सच में उसका मालिक है?
- इसके लिए आपको Ownership Certificate या Title Deed की जांच करनी चाहिए।
- इस डॉक्युमेंट से पता चलता है कि प्रॉपर्टी का असली मालिक कौन है और उसके पास इसे बेचने का अधिकार है या नहीं।
- इसे वैध रजिस्ट्री ऑफिस से क्रॉस चेक करना भी जरूरी है।
अतिरिक्त सुझाव – इन बातों का भी रखें ध्यान
- प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें चेक करें कि कहीं पुराना टैक्स बकाया तो नहीं है।
- बिजली, पानी और अन्य सुविधाओं के बिल देखें कि वो पिछले मालिक ने क्लियर किए हैं या नहीं।
- बिल्डर से Completion Certificate भी लें अगर आप फ्लैट खरीद रहे हैं।
घर या जमीन खरीदना सिर्फ एक निवेश नहीं होता, ये आपकी जिंदगी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। इसलिए किसी भी डील को फाइनल करने से पहले इन सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स की अच्छे से जांच करें। थोड़ा सा सतर्क रहकर आप भविष्य में बहुत बड़ी मुसीबत से बच सकते हैं।
याद रखें, प्रॉपर्टी खरीदते समय जल्दबाज़ी बिल्कुल न करें। दस्तावेज़ों को वकील या विशेषज्ञ से भी चेक करवा लें, ताकि आपकी मेहनत की कमाई सही जगह लगे।