सुबह-सुबह पेट्रोल भरवाने का ये राज़ जानकर हैरान रह जाएंगे! हर लीटर में जबरदस्त फायदा – Petrol Filling Tips

By Prerna Gupta

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Petrol Filling Tips – भारत जैसे देश में जहां हर दूसरा आदमी बाइक, कार या स्कूटी से रोज सफर करता है, वहां पेट्रोल-डीजल की खपत जबरदस्त है। और जब बात पेट्रोल पंप की आती है तो अक्सर ये बात सुनने को मिलती है कि “भैया, पेट्रोल तो सुबह-सुबह ही भरवाना चाहिए, ज्यादा मिलता है”। आप भी शायद कभी न कभी ये सलाह किसी दोस्त, रिश्तेदार या पड़ोसी से सुन चुके होंगे। लेकिन क्या वाकई सुबह पेट्रोल भरवाने से ज्यादा फ्यूल मिलता है? या ये सिर्फ एक अफवाह है जो सालों से चली आ रही है?

चलिए, इस पूरे मामले की तह तक पहुंचते हैं और समझते हैं कि पेट्रोल फुल कराने का सही समय कौन सा है और किन बातों का आपको खास ध्यान रखना चाहिए।

सुबह पेट्रोल भरवाने का तर्क क्या है?

बहुत सारे लोगों का मानना है कि सुबह के वक्त तापमान कम रहता है, जिसकी वजह से पेट्रोल की डेंसिटी यानी घनत्व ज्यादा होता है। मतलब, आपको उतनी ही कीमत में थोड़ी ज्यादा मात्रा में पेट्रोल मिल सकता है। वही जब तापमान बढ़ता है यानी दोपहर या शाम के समय, तो पेट्रोल थोड़ा फैल जाता है और डेंसिटी कम हो जाती है, जिससे आपको कम मात्रा में फ्यूल मिलता है।

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यही वजह है कि कई लोग सुबह 6 से 9 बजे के बीच पेट्रोल पंप पर लाइन लगाकर फ्यूल डलवाते हैं, इस उम्मीद में कि उन्हें ज्यादा लाभ मिलेगा।

विशेषज्ञ क्या कहते हैं इस बारे में?

अब आते हैं असली सच्चाई पर। एनर्जी और फ्यूल सेक्टर के विशेषज्ञों की मानें तो यह धारणा पूरी तरह से गलत है। उनके अनुसार, आजकल पेट्रोल पंपों पर जो फ्यूल डिस्पेंसर मशीनें लगी होती हैं, वो पूरी तरह से ऑटोमैटिक और एडवांस्ड होती हैं। ये मशीनें तापमान के अनुसार खुद-ब-खुद मात्रा को एडजस्ट कर लेती हैं। यानी आप सुबह, दोपहर, शाम या रात किसी भी समय पेट्रोल भरवाएं, आपको उतनी ही मात्रा मिलेगी जितनी आपने पैसों के हिसाब से ली है।

तो अगर कोई कहे कि “सुबह फ्यूल भरवाओ ज्यादा मिलेगा”, तो समझ लीजिए कि वो या तो गलत जानकारी दे रहा है या बस पुराने जमाने की बातों में यकीन कर रहा है।

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पेट्रोल की डेंसिटी आखिर होती क्या है?

सरकार ने पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 800 किलोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर तय की हुई है। इसका मतलब है कि अगर किसी पेट्रोल की डेंसिटी इस दायरे में आती है तो वह पूरी तरह से शुद्ध और मानकों के अनुसार होता है। अब यह डेंसिटी हर पेट्रोल पंप पर मापी जा सकती है क्योंकि अधिकतर जगहों पर डेंसिटी चेक करने की मशीन लगी होती है।

अगर आपको शक हो कि पेट्रोल में गड़बड़ी है, तो आप इस मशीन से जांच कर सकते हैं।

अगर डेंसिटी कम निकली तो क्या करें?

कई बार डेंसिटी कम निकलने का मतलब ये नहीं होता कि मौसम का असर है, बल्कि ये किसी तकनीकी गड़बड़ी या जानबूझकर की गई धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है। ऐसे में आपको तुरंत पेट्रोलियम मंत्रालय या नजदीकी संबंधित विभाग में शिकायत करनी चाहिए। हर पेट्रोल पंप पर एक शिकायत रजिस्टर और हेल्पलाइन नंबर भी मौजूद होते हैं, जिनका आप इस्तेमाल कर सकते हैं।

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क्या सुबह पेट्रोल भरवाना कोई फायदे की बात है?

अगर वैज्ञानिक तरीके से देखा जाए तो सुबह पेट्रोल भरवाने से आपको कोई अतिरिक्त मात्रा नहीं मिलने वाली। हां, एक चीज जरूर है—सुबह पेट्रोल पंपों पर भीड़ कम होती है, तो आपको लाइन में खड़े होने का झंझट नहीं होगा। इसके अलावा, अगर आप यात्रा पर जा रहे हैं तो सुबह फ्यूल टैंक फुल करवा लेना एक प्रैक्टिकल और सुरक्षित फैसला हो सकता है। लेकिन सिर्फ “ज्यादा पेट्रोल मिलेगा” सोचकर सुबह-सुबह उठना, वो भी बिना वजह, ठीक नहीं।

उपभोक्ताओं के लिए कुछ जरूरी टिप्स

अगर आप पेट्रोल पंप पर कोई भी गड़बड़ी से बचना चाहते हैं तो ये टिप्स आपके बहुत काम आने वाले हैं:

  • हमेशा रसीद लें: हर बार फ्यूल भरवाने के बाद उसकी रसीद लेना जरूरी है ताकि अगर कोई गड़बड़ी हो तो आप शिकायत कर सकें।
  • डेंसिटी की जांच करें: अगर शक हो कि फ्यूल में मिलावट है या मात्रा कम है, तो डेंसिटी मशीन से जांच करवाएं।
  • फ्यूल भरवाने से पहले मीटर देखें: पंप पर फ्यूल डालने से पहले डिस्पेंसर मशीन का मीटर ज़ीरो पर है या नहीं, ये जरूर चेक करें।
  • कर्मचारियों से सवाल करने में हिचकें नहीं: अगर आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ हो रही है तो खुलकर सवाल करें। आपके पैसे हैं, तो जवाब मांगने का हक भी आपका है।

तो दोस्तो, साफ शब्दों में कहा जाए तो सुबह पेट्रोल भरवाना सिर्फ एक भ्रम है जिसे हम सालों से सच मानते आ रहे हैं। आज के जमाने में टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है कि फ्यूल की मात्रा तापमान के अनुसार अपने आप एडजस्ट हो जाती है। इसलिए अब समय है कि हम पुराने मिथकों को छोड़कर सही जानकारी को अपनाएं और स्मार्ट कंज्यूमर बनें।

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तो अगली बार जब कोई आपसे कहे कि “भाई, पेट्रोल तो सुबह-सुबह ही भरवाओ”, तो मुस्कुराइए और बताइए कि असली सच्चाई क्या है।

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