Petrol-Diesel Rate – अगर आप भी रोजाना गाड़ी चलाते हैं या फिर ट्रांसपोर्ट से जुड़ा कोई काम करते हैं, तो पेट्रोल-डीजल के दाम आपके लिए बहुत मायने रखते हैं। इनकी कीमतों में थोड़ा सा बदलाव भी आपकी जेब पर सीधा असर डाल सकता है। आज हम बात करने जा रहे हैं आज के पेट्रोल और डीजल के नए रेट्स की और साथ ही जानेंगे कि ये रेट कैसे तय होते हैं, इनमें बदलाव क्यों आते हैं और इसका आम आदमी पर क्या असर पड़ता है।
हर दिन सुबह 6 बजे तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के रेट्स अपडेट करती हैं। ये रेट देश के हर शहर के लिए अलग-अलग होते हैं क्योंकि इसमें टैक्स, ट्रांसपोर्ट और लोकल खर्चे भी शामिल होते हैं। इस समय पेट्रोल और डीजल के रेट काफी हद तक स्थिर हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल के कारण कभी भी बदलाव संभव है।
आज के पेट्रोल और डीजल के दाम
शहर | पेट्रोल (₹/लीटर) | डीजल (₹/लीटर) |
---|---|---|
नई दिल्ली | 94.72 | 87.62 |
मुंबई | 104.21 | 92.15 |
कोलकाता | 103.94 | 90.76 |
चेन्नई | 100.75 | 92.34 |
अहमदाबाद | 94.49 | 90.17 |
बेंगलुरु | 102.92 | 89.02 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 |
जयपुर | 104.72 | 90.21 |
लखनऊ | 94.69 | 87.80 |
पुणे | 104.04 | 90.57 |
चंडीगढ़ | 94.30 | 82.45 |
इंदौर | 106.48 | 91.88 |
पटना | 105.58 | 93.80 |
सूरत | 95.00 | 89.00 |
नासिक | 95.50 | 89.50 |
रेट्स में बदलाव क्यों होते हैं?
पेट्रोल और डीजल की कीमतें डायनामिक फ्यूल प्राइसिंग सिस्टम के तहत तय की जाती हैं। इसका मतलब है कि हर दिन अंतरराष्ट्रीय मार्केट और लोकल फैक्टर्स को ध्यान में रखते हुए रेट अपडेट होते हैं। रेट तय करने के मुख्य कारण ये होते हैं:
- कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें: भारत लगभग 80% कच्चा तेल विदेशों से खरीदता है। जब ग्लोबल मार्केट में तेल महंगा होता है, तो यहां भी असर पड़ता है।
- डॉलर और रुपये का एक्सचेंज रेट: भारत डॉलर में पेमेंट करता है, इसलिए डॉलर मजबूत होने पर तेल महंगा हो जाता है।
- टैक्स: केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी लेती है और राज्य सरकार VAT वसूलती है। ये कुल मिलाकर 40% से 60% तक हो सकते हैं।
- ट्रांसपोर्ट और डिस्ट्रीब्यूशन खर्च: तेल को रिफाइनरी से पंप तक लाने में जो खर्च होता है, वो भी रेट में जुड़ जाता है।
- रिफाइनिंग कॉस्ट: कच्चा तेल पेट्रोल और डीजल में बदलने में जो खर्च आता है, वो भी कीमत में शामिल होता है।
क्या रेट्स में कोई बदलाव आया?
हाल के कुछ महीनों में रेट्स में बड़ा बदलाव नहीं हुआ है क्योंकि मई 2022 में सरकार ने टैक्स घटा दिए थे। इसके बाद से पेट्रोल और डीजल के रेट स्थिर बने हुए हैं। हालांकि, छोटे-मोटे बदलाव रोजाना होते रहते हैं।
सबसे सस्ता और सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल
- सबसे महंगा पेट्रोल: हैदराबाद (₹107.46), मुंबई, जयपुर
- सबसे सस्ता पेट्रोल: चंडीगढ़ (₹94.30), नई दिल्ली, लखनऊ
- सबसे महंगा डीजल: हैदराबाद (₹95.70), चेन्नई, पटना
- सबसे सस्ता डीजल: चंडीगढ़ (₹82.45), नई दिल्ली, लखनऊ
पेट्रोल-डीजल महंगे होने का सीधा असर
पेट्रोल और डीजल की कीमतों का असर सिर्फ आपकी गाड़ी पर ही नहीं पड़ता, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
- ट्रांसपोर्ट महंगा होता है: बस, ऑटो, टैक्सी का किराया बढ़ जाता है।
- रोजमर्रा की चीजें महंगी होती हैं: दूध, सब्जी, फल, राशन महंगा हो सकता है।
- खेती पर असर: डीजल महंगा होने से ट्रैक्टर और पंप चलाना महंगा हो जाता है।
- इंडस्ट्री पर असर: इंडस्ट्री में जो डीजल इस्तेमाल होता है, उसकी लागत बढ़ती है।
सरकार कैसे कंट्रोल करती है कीमतें?
जब पेट्रोल-डीजल के रेट बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं, तो सरकार और तेल कंपनियां कुछ कदम उठाती हैं:
- टैक्स में कटौती: एक्साइज ड्यूटी और VAT को घटाकर राहत दी जाती है।
- सब्सिडी: कभी-कभी कुछ सेक्टर्स को सब्सिडी दी जाती है।
- ऑयल स्टॉक रिलीज: सरकार अपने पास मौजूद तेल को मार्केट में रिलीज करती है जिससे सप्लाई बढ़े और रेट घटे।
- अंतरराष्ट्रीय डील्स: सस्ते कच्चे तेल की खरीद के लिए सरकार समझौते करती है।
आने वाले समय में क्या हो सकता है?
भविष्य में पेट्रोल-डीजल के रेट्स में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है। अगर क्रूड ऑयल महंगा होता है या डॉलर मजबूत होता है, तो रेट्स बढ़ सकते हैं। वहीं अगर सरकार टैक्स में राहत देती है या ग्लोबल मार्केट स्थिर रहता है, तो दाम घट सकते हैं।
साथ ही इलेक्ट्रिक गाड़ियों का ट्रेंड बढ़ रहा है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले वर्षों में पेट्रोल-डीजल की डिमांड कम हो सकती है।
कुछ जरूरी बातें जो आपको पता होनी चाहिए
- भारत में सबसे ज्यादा रिफाइनिंग कैपेसिटी जामनगर (गुजरात) में है
- पेट्रोल-डीजल पर टैक्स का हिस्सा कुल कीमत का लगभग आधा होता है
- रेट्स जानने के लिए आप IOC, HPCL और BPCL की वेबसाइट या ऐप पर रोज सुबह 6 बजे चेक कर सकते हैं
सलाह
- रोज के रेट्स जरूर चेक करें
- अगर संभव हो तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट या कार पूलिंग का इस्तेमाल करें
- फ्यूल एफिशिएंट गाड़ी का चुनाव करें
- इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर भी विचार करें