Electricity Department Action – गर्मी हो या सर्दी, बिजली हमारी जिंदगी का अहम हिस्सा है। लेकिन जब बिजली चोरी की बात आती है, तो इससे न सिर्फ विभाग को नुकसान होता है बल्कि हम सभी उपभोक्ताओं के लिए भी समस्या बढ़ जाती है। बिजली चोरी के कारण विभाग को भारी राजस्व हानि होती है, जिससे नए इंफ्रास्ट्रक्चर या बेहतर सेवाएं देना मुश्किल हो जाता है। इसी को ध्यान में रखते हुए बिजली विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू कर दी है और उसके नतीजे भी अब दिखने लगे हैं। आइए जानते हैं कि कैसे बिजली चोरी पर लगाम लगाने के लिए विभाग ने अभियान चलाया और इससे कितना फायदा हुआ।
रेलवे फीडर पर बिजली चोरी की समस्या
शहर के रामलीला मैदान के पास स्थित 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र से जुड़े रेलवे फीडर पर लंबे समय से तकनीकी और गैर-तकनीकी नुकसान यानी लाइनलास की समस्या बनी हुई थी। लाइनलास का मतलब होता है कि बिजली विभाग की लाइन में इतनी बिजली चोरी या तकनीकी नुकसान हो रहा है कि विभाग को भारी घाटा हो रहा है। इस फीडर पर कई उपभोक्ता चोरी या मीटर में छेड़छाड़ कर बिजली का गलत इस्तेमाल कर रहे थे। लगातार बढ़ते नुकसान को देखते हुए विभाग ने इस पर कड़ा एक्शन लेने का फैसला किया।
सघन चेकिंग अभियान की शुरुआत
विभाग ने रेलवे फीडर के साथ-साथ भुजौली और हनुमान मंदिर फीडर पर कुल 2360 कनेक्शनों की सघन जांच शुरू की। इस जांच में पता चला कि 35 उपभोक्ता बिजली चोरी कर रहे थे या उनके मीटर में छेड़छाड़ हुई थी। इन सभी के खिलाफ बिजली थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है। यह कार्रवाई दर्शाती है कि विभाग बिजली चोरी के खिलाफ सख्त है और ऐसे लोगों को बख्शने वाला नहीं है।
संयुक्त टीम ने किया निरीक्षण
उपखंड अधिकारी चंद्रभूषण कुमार, विजिलेंस टीम और अवर अभियंता शशांक चौबे की संयुक्त टीम ने 15 अप्रैल से 11 मई तक अबूबकर नगर, बजाजी गली, आर्य समाज गली और बरहज गली जैसे इलाकों में चेकिंग अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान बिजली चोरी को रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए। साथ ही, टीम ने कम लोड पर ज्यादा बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ताओं की भी पहचान की और उनके लोड को सही किया।
लाइनलास में 10% की कमी और करोड़ों की वसूली
इस अभियान के सकारात्मक परिणाम देखने को मिले। रेलवे फीडर पर लाइनलास यानी तकनीकी और गैर-तकनीकी नुकसान में 10% की कमी आई। इसके साथ ही विभाग ने लगभग 1.72 करोड़ रुपये का राजस्व भी वसूल किया। यह वसूली बिजली चोरी पर काबू पाने और विभाग की आमदनी बढ़ाने में बहुत मददगार साबित हुई। इस सफलता के साथ ही विभाग ने 980 स्मार्ट मीटर भी लगाए, जो चोरी को रोकने में काफी प्रभावी होते हैं।
कम लोड पर अधिक बिजली खपत करने वालों की भी जांच
अभियान के दौरान 170 ऐसे उपभोक्ता भी चिन्हित किए गए, जो कम लोड पर ज्यादा बिजली का उपयोग कर रहे थे। इस तरह की खपत न केवल विभाग को नुकसान पहुंचाती है बल्कि बिजली ग्रिड पर भी दबाव बनाती है। इन उपभोक्ताओं का लोड बढ़ाया गया और 35 नए कनेक्शन भी दिए गए, जिससे बिजली का वितरण बेहतर और संतुलित हुआ।
भविष्य में भी जारी रहेगा अभियान
अधिशासी अभियंता राकेश कुमार वर्मा ने बताया कि रेलवे फीडर पर हाई लाइनलास को कम करने में यह चेकिंग अभियान बहुत सफल रहा है। विभाग इस तरह के अभियान भविष्य में भी लगातार चलाएगा ताकि बिजली चोरी पर अंकुश लगाया जा सके और विभाग को होने वाले घाटे को रोका जा सके। इसके अलावा, इस तरह की सख्ती से उपभोक्ताओं को भी बिजली के सही उपयोग की आदत पड़ेगी और सभी के लिए बेहतर बिजली सेवा सुनिश्चित होगी।
बिजली चोरी रोकने की ज़रूरत क्यों है?
बिजली चोरी सिर्फ विभाग को नुकसान नहीं पहुंचाती, बल्कि इससे जुड़ी समस्याएं हमारे दैनिक जीवन को भी प्रभावित करती हैं। चोरी की वजह से विभाग के राजस्व में कमी आती है, जिससे बिजली के नवीनीकरण, मरम्मत और नए कनेक्शन देने में बाधा आती है। साथ ही, चोरी के कारण बिजली ग्रिड पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे बिजली कटौती जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं। इसलिए बिजली चोरी रोकना हम सबकी जिम्मेदारी है।
स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी पर लगाम
बिजली विभाग ने चोरी रोकने के लिए 980 स्मार्ट मीटर लगाए हैं। स्मार्ट मीटर पारंपरिक मीटर की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और चोरी रोधी होते हैं। ये मीटर रियल टाइम में बिजली की खपत को ट्रैक करते हैं और अगर कोई छेड़छाड़ करता है तो तुरंत ही पता चल जाता है। स्मार्ट मीटर के आने से विभाग की नजर हमेशा कनेक्शन पर बनी रहती है, जिससे चोरी की संभावना बहुत कम हो जाती है।
बिजली चोरी पर ताबड़तोड़ कार्रवाई के कारण विभाग को अब तक करोड़ों रुपये का फायदा हो चुका है। यह अभियान दर्शाता है कि सही दिशा में कदम उठाने से बिजली चोरी जैसी गंभीर समस्या पर काबू पाया जा सकता है। साथ ही, स्मार्ट मीटर और नियमित जांच से चोरी की संभावना और घटेगी। आगे भी विभाग ऐसे अभियान लगातार चलाएगा ताकि बिजली चोरी पूरी तरह खत्म हो और हम सबको बेहतर बिजली सेवा मिल सके।
इस पूरे अभियान से यह स्पष्ट होता है कि जब जिम्मेदारी और मेहनत साथ मिलती है तो बड़े से बड़ा नुकसान भी रोका जा सकता है। इसलिए आप भी बिजली चोरी रोकने में सहयोग करें और सही तरीके से बिजली का इस्तेमाल करें।