Delhi Mumbai Expressway – दिल्ली से मुंबई तक की दूरी अब और कम होने वाली है। भारत के सबसे लंबे और आधुनिक एक्सप्रेसवे – दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे – पर एक ऐसी टनल बन रही है जो न सिर्फ देश की सबसे चौड़ी होगी, बल्कि तकनीक और सुविधा के मामले में भी सबसे आगे रहेगी। इस टनल का निर्माण मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में किया जा रहा है और यह अपने आप में एक इंजीनियरिंग चमत्कार बनकर उभर रही है।
130 किलोमीटर कम होगी दूरी
इस नई टनल के बन जाने से दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी करीब 130 किलोमीटर तक घट जाएगी। अभी जहां यह दूरी लगभग 1450 किमी के करीब है, वहीं टनल और नए रूट के जरिए यह दूरी घटकर करीब 1320 किमी रह जाएगी। इससे यात्रियों का सफर आसान और तेज तो होगा ही, साथ ही पेट्रोल और डीजल की खपत में भी भारी कमी आएगी।
सफर होगा सिर्फ 12 घंटे का
एक्सप्रेसवे और टनल बनने के बाद दिल्ली से मुंबई की दूरी तय करने में सिर्फ 12 घंटे लगेंगे। आज जहां ये सफर सड़क मार्ग से 20 से 24 घंटे ले लेता है, वहीं यह एक्सप्रेसवे लोगों का कीमती समय बचाएगा।
टनल की खासियत क्या है?
यह टनल 4.9 किलोमीटर लंबी है और इसमें दो समानांतर सुरंगें बनाई जा रही हैं। हर सुरंग में चार लेन होंगी, यानी कुल आठ लेन की व्यवस्था होगी। इसमें से 3.3 किमी हिस्सा पूरी तरह पहाड़ के भीतर से गुजरता है, जबकि बाकी 1.6 किमी ‘कट एंड कवर’ तकनीक से बनाई जा रही है।
कट एंड कवर तकनीक का मतलब है कि जमीन को ऊपर से काटकर नीचे सड़क बनाई जाती है और फिर उसे ढक दिया जाता है। यह तकनीक खासतौर पर उन जगहों पर इस्तेमाल होती है जहां सीधे पहाड़ में खुदाई करना संभव नहीं होता।
निर्माण में आ रही थीं दिक्कतें
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व क्षेत्र एक कठिन इलाका है। यहां चट्टानी पत्थर और जलधाराएं टनल की खुदाई में बड़ी रुकावट बनीं। लेकिन निर्माण एजेंसी ने सुरक्षा और मजबूती को प्राथमिकता दी और हर चरण को सावधानी से पूरा किया।
पहले यह टनल जनवरी 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन अब इसका लक्ष्य दिसंबर 2025 तक रखा गया है।
कितनी है लागत और क्या हैं आंकड़े?
टनल की कुल लागत करीब ₹1,000 करोड़ आंकी गई है। हर सुरंग की चौड़ाई 19 मीटर और ऊंचाई 11 मीटर होगी, यानी कुल चौड़ाई 38 मीटर। इसके जरिए बड़े-बड़े ट्रक, बसें और कारें आसानी से और बिना किसी रुकावट के सफर कर सकेंगी।
किन-किन आधुनिक तकनीकों से लैस होगी टनल?
इस टनल को वाकई में विश्वस्तरीय तकनीक से तैयार किया जा रहा है। इसमें ऐसी सुविधाएं होंगी जो आम तौर पर हम सिर्फ विकसित देशों की सुरंगों में देखते हैं।
- AI आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम: जो हर गाड़ी की मूवमेंट को ट्रैक करेगा
- वेंटिलेशन सिस्टम: जिससे अंदर की हवा साफ रहे
- फायर सेफ्टी: आग लगने की स्थिति में तत्काल सुरक्षा उपाय
- इमरजेंसी एग्जिट: जिससे किसी भी हादसे में यात्री आसानी से बाहर निकल सकें
- FM रेडियो फ्रीक्वेंसी: जिससे अंदर भी कनेक्टिविटी बनी रहे
- मोबाइल नेटवर्क बूस्टर: ताकि मोबाइल नेटवर्क कमजोर न हो
- स्पेशल लाइटिंग: जिससे दृश्यता बनी रहे और सफर सुरक्षित हो
मिशन मोड में चल रहा है काम
परियोजना निदेशक संदीप अग्रवाल ने बताया कि खुदाई पूरी होने के बाद अब सड़क बिछाने, तकनीकी उपकरण लगाने और सुरंग की आंतरिक संरचना को दुरुस्त करने का कार्य तेज़ी से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल के अंत तक काम को काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा और 2025 तक टनल चालू हो जाएगी।
क्या होगा इस टनल से फायदा?
- समय की बचत: दिल्ली से मुंबई 12 घंटे में तय करना एक बड़ी बात होगी।
- ईंधन की बचत: दूरी कम होने से तेल की खपत घटेगी।
- पर्यावरण को राहत: कम ट्रैफिक जाम और ईंधन की बचत से प्रदूषण भी घटेगा।
- विकास को रफ्तार: राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे राज्यों को इस टनल से सीधा फायदा मिलेगा।
- पर्यटन को बढ़ावा: टाइगर रिजर्व के पास से गुजरने वाली यह सुरंग पर्यटकों को भी आकर्षित करेगी।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे भारत के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास में मील का पत्थर साबित हो रहा है। मुकुंदरा टनल जैसी परियोजनाएं न सिर्फ सफर को आसान बनाएंगी, बल्कि देश की आर्थिक, सामाजिक और पर्यटन गतिविधियों को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। आने वाले समय में जब यह टनल पूरी तरह से चालू होगी, तो यह एक नया मानक स्थापित करेगी कि भारत अब सिर्फ इंटेंट नहीं, बल्कि इम्प्लिमेंटेशन में भी दुनिया के बड़े देशों को टक्कर देने को तैयार है।