DA Arrears News – अगर आप भी उन लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों में से हैं जो 18 महीने के बकाया डीए (DA) और डीआर (DR) का इंतजार कर रहे हैं, तो अब आपके लिए अच्छी खबर आने वाली है। जी हां, लंबे समय से जिस एरियर की चर्चा चल रही थी, वह अब सच में हकीकत बन सकता है। खबरें हैं कि बजट 2025 में सरकार इस पर बड़ा फैसला ले सकती है।
18 महीने का बकाया DA आखिर है क्या?
चलिये पहले थोड़ा पीछे चलते हैं। जब कोरोना महामारी का प्रकोप था, तो सरकार की माली हालत भी बिगड़ी हुई थी। ऐसे में केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से जून 2021 तक महंगाई भत्ते (DA) और महंगाई राहत (DR) के बढ़े हुए हिस्से के भुगतान पर रोक लगा दी थी। मतलब ये कि उस समय जो DA बढ़ा था, वो कागज़ों पर बढ़ा लेकिन सैलरी में नहीं जुड़ा।
सरकार ने जुलाई 2021 से DA का भुगतान दोबारा शुरू तो कर दिया, लेकिन बीच के 18 महीनों का जो पैसा बनता था, वो बकाया रह गया। तब से अब तक कर्मचारी लगातार इसकी मांग कर रहे हैं।
कितनी बड़ी है ये रकम?
किसी एक कर्मचारी के लिए ये रकम कुछ हजार से लेकर लाख रुपये तक हो सकती है। पद, वेतनमान और नौकरी के स्तर के हिसाब से ये राशि अलग-अलग बनती है। पर अगर पूरे आंकड़ों की बात करें तो ये 1.5 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि बनती है, जो केंद्र सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनरों को मिलनी है।
क्यों है ये मुद्दा इतना बड़ा?
आज के समय में जब महंगाई आसमान छू रही है, हर व्यक्ति को अपने खर्च पूरे करने में मुश्किल हो रही है। ऐसे में जिन लोगों ने महामारी के समय देश और सरकार का साथ दिया, अब उनकी उम्मीदें सरकार से हैं। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने उस मुश्किल वक्त में सरकार का भरोसा रखा, अब सरकार को भी अपना वादा निभाना चाहिए।
अब उम्मीद क्यों बढ़ी है?
अब सवाल उठता है कि इतने साल बाद क्यों उम्मीद की जा रही है कि सरकार DA एरियर देगी?
इसका जवाब है – बजट 2025। 1 फरवरी 2025 को केंद्र सरकार का पहला पूर्ण बजट पेश होने वाला है। माना जा रहा है कि इस बार सरकार कुछ बड़ा ऐलान कर सकती है। यही वजह है कि अब केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनर्स फिर से उम्मीद लगाए बैठे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय को इस मसले पर प्रस्ताव भेजा गया है। अगर इस पर मंजूरी मिलती है, तो बजट में आधिकारिक ऐलान संभव है।
क्या होगा असर?
अगर सरकार यह बकाया राशि देती है, तो सिर्फ कर्मचारियों की जेबें नहीं भरेंगी, बल्कि इसका फायदा देश की इकोनॉमी को भी मिलेगा। कैसे?
- कर्मचारियों के पास ज्यादा पैसा आएगा, तो वे खरीददारी करेंगे।
- इससे बाजार में डिमांड बढ़ेगी, और उद्योगों को फायदा होगा।
- ज्यादा खर्च से टैक्स कलेक्शन भी बढ़ेगा, जो सरकार के लिए भी अच्छा है।
- छोटे व्यापारी, दुकानदार और सेवा क्षेत्र को भी लाभ होगा।
कर्मचारियों की क्या प्रतिक्रिया है?
कर्मचारी संगठनों का साफ कहना है कि उन्हें अब किसी और वादे की जरूरत नहीं, बल्कि सीधे भुगतान चाहिए। उनका तर्क है कि कोविड के वक्त उन्होंने धैर्य रखा और बिना विरोध के सरकार का साथ दिया। अब जब आर्थिक हालात सुधर चुके हैं, सरकार को भी अपना कर्ज चुकाना चाहिए।
कई कर्मचारी संगठनों ने सरकार को पत्र भी भेजे हैं और प्रदर्शन की चेतावनी भी दी है अगर जल्द इस पर फैसला नहीं होता।
क्या राज्य सरकारें भी प्रभावित होंगी?
बिलकुल। अगर केंद्र सरकार यह भुगतान करती है तो राज्यों पर भी दबाव बढ़ेगा कि वे भी अपने कर्मचारियों को DA एरियर दें। कई राज्य पहले ही कुछ हिस्से में बकाया DA का भुगतान कर चुके हैं, लेकिन ज्यादातर राज्य अभी इस पर चुप हैं। केंद्र के फैसले के बाद राज्य भी हरकत में आ सकते हैं।
अब आगे क्या?
अब सभी की नजरें बजट 2025 पर टिकी हैं। अगर इस बार सरकार बकाया DA देने की घोषणा करती है, तो यह कर्मचारियों के लिए न केवल आर्थिक राहत होगी बल्कि एक सकारात्मक संकेत भी होगा कि सरकार उनके हित में सोचती है।
बजट के साथ-साथ कुछ और घोषणाएं भी आ सकती हैं जैसे:
- कर्मचारियों के लिए टैक्स में छूट
- स्वास्थ्य बीमा में सुविधा
- हाउसिंग स्कीम्स में मदद
- और रिटायरमेंट से जुड़े बेनिफिट्स
18 महीने का DA और DR एरियर अब सिर्फ एक मांग नहीं रहा, बल्कि लाखों कर्मचारियों की उम्मीद बन चुका है। बजट 2025 इस उम्मीद को पूरा करने का सबसे सही मौका है। अगर सरकार इस पर सकारात्मक कदम उठाती है, तो यह सिर्फ एक भुगतान नहीं होगा, बल्कि यह भरोसे और संबंधों की जीत होगी।
अब बस इंतजार है 1 फरवरी का। क्या वाकई सरकार कर्मचारियों को उनका हक देगी? या फिर ये मुद्दा फिर से टल जाएगा? यह तो समय बताएगा, लेकिन इस बार उम्मीदें वाकई बड़ी हैं।