Cibil Score Update – आजकल चाहे घर खरीदना हो, बच्चे की पढ़ाई का खर्च उठाना हो या फिर मेडिकल इमरजेंसी में फौरन पैसे चाहिए हों – हम में से ज्यादातर लोग लोन का सहारा लेते हैं। लेकिन लोन लेने से पहले जो सबसे जरूरी चीज होती है, वो है सिबिल स्कोर। कई लोग लोन अप्लाई तो कर देते हैं, लेकिन उनका लोन रिजेक्ट हो जाता है और उन्हें समझ ही नहीं आता कि आखिर ऐसा क्यों हुआ। दरअसल, इसका बड़ा कारण होता है आपका सिबिल स्कोर।
तो चलिए, आज इसी बारे में विस्तार से बात करते हैं – सिबिल स्कोर क्या होता है, इसका क्या मतलब है, लोन के लिए कितना स्कोर जरूरी है और अगर स्कोर कम हो तो क्या किया जा सकता है।
सिबिल स्कोर क्या होता है?
सिबिल स्कोर एक तरह का नंबर होता है जो आपकी क्रेडिट हिस्ट्री को दिखाता है। इसे 300 से 900 के बीच मापा जाता है। अगर आपका स्कोर 900 के करीब है, तो समझिए आपकी क्रेडिट हिस्ट्री शानदार है और बैंक भी आप पर भरोसा करने में देर नहीं करेंगे। लेकिन अगर स्कोर 600 या इससे कम है, तो बैंक आपको रिस्क वाला कस्टमर मानते हैं।
ये स्कोर इस बात पर निर्भर करता है कि आपने पुराने लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर किया है या नहीं, आपके ऊपर कितना कर्ज है, आपने कितने नए लोन के लिए अप्लाई किया है, और आपकी कुल क्रेडिट हिस्ट्री कितनी लंबी है।
लोन के लिए कितना सिबिल स्कोर होना चाहिए?
अब सवाल ये आता है कि लोन के लिए कितना सिबिल स्कोर जरूरी है? सीधा जवाब है – 750 या उससे ज्यादा स्कोर हो तो सबसे बेस्ट। अगर आपका स्कोर 800 या उससे ऊपर है तो आप प्रीमियम कैटेगरी में आते हैं और बैंक खुद आपको ऑफर देने लगते हैं। आपको कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है, प्रोसेसिंग फीस में छूट मिल सकती है और कुछ मामलों में तो डाउन पेमेंट की जरूरत भी नहीं होती।
लेकिन अगर आपका स्कोर 650 से 750 के बीच है, तो भी आपको लोन मिल सकता है – बस शर्तें थोड़ी सख्त होंगी और ब्याज दर थोड़ी ज्यादा हो सकती है।
अच्छा सिबिल स्कोर क्यों जरूरी है?
सोचिए, दो लोग बैंक में लोन के लिए अप्लाई करते हैं – एक का स्कोर 800 और दूसरे का 680। तो बैंक किसे पहले लोन देगा? जाहिर है, पहले वाले को। और उसे ब्याज भी कम देना होगा। यहीं से फर्क पड़ता है।
अच्छे सिबिल स्कोर के कुछ फायदे:
- कम ब्याज दर पर लोन
- लोन जल्दी अप्रूव होना
- ज्यादा लोन अमाउंट मिलने की संभावना
- क्रेडिट कार्ड लिमिट में बढ़ोतरी
- बीमा प्रीमियम में छूट
खराब सिबिल स्कोर है? घबराइए मत
अगर आपका स्कोर कम है तो परेशान मत होइए। हर चीज की तरह इसे भी सुधारा जा सकता है। नीचे कुछ आसान उपाय दिए हैं:
- अपने सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं
- क्रेडिट कार्ड का उपयोग 30% से कम रखें
- जितना हो सके उतना पुराना बकाया चुका दें
- बार-बार लोन या क्रेडिट कार्ड के लिए अप्लाई न करें
- बिना जरूरत के कार्ड बंद न करें (इससे आपकी क्रेडिट हिस्ट्री छोटी हो जाएगी)
खराब स्कोर पर भी लोन मिल सकता है?
हाँ, बिल्कुल मिल सकता है। इसके लिए थोड़े अलग रास्ते अपनाने पड़ते हैं:
- NBFC (गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थान): ये कंपनियां बैंक से थोड़ी ज्यादा ब्याज पर लोन देती हैं, लेकिन ये लचीली होती हैं।
- गोल्ड लोन: सोना गिरवी रख कर लोन ले सकते हैं। इसमें सिबिल स्कोर उतना मायने नहीं रखता।
- एफडी पर लोन: अगर आपके पास फिक्स्ड डिपॉजिट है तो उसके बदले भी लोन मिल सकता है।
- सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड: बैंक में एफडी रख कर आप एक सिक्योर्ड क्रेडिट कार्ड ले सकते हैं और उसका सही इस्तेमाल कर स्कोर बढ़ा सकते हैं।
लोन डिफॉल्ट किया है तो क्या करें?
अगर आपने किसी लोन की किश्तें नहीं भरी हैं और अब आपका स्कोर नीचे चला गया है, तो सबसे पहले अपने पुराने बकायों को चुकाइए। लोन से भागने की बजाय उसे सुलझाइए। कुछ NBFC फिर भी आपको लोन दे सकती हैं, लेकिन ब्याज दरें बहुत ज्यादा होंगी। बेहतर है कि पहले अपना स्कोर सुधारें और फिर नई शुरुआत करें।
स्कोर कैसे चेक करें?
आप CIBIL की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर साल में एक बार फ्री में अपना स्कोर चेक कर सकते हैं। इसके अलावा कुछ बैंक और फिनटेक ऐप भी फ्री स्कोर दिखाते हैं।
सिबिल स्कोर एक तरह से आपकी वित्तीय छवि होता है। जैसे इंटरव्यू में रिज़्यूमे काम आता है, वैसे ही लोन के लिए आपका सिबिल स्कोर। इसलिए इसे नजरअंदाज न करें। समय पर भुगतान करें, फालतू खर्चों से बचें और अगर गलती से स्कोर खराब हो गया है, तो उसे सुधारने की जिम्मेदारी लें।