CIBIL Score – आजकल लोन लेना हो, क्रेडिट कार्ड अप्लाई करना हो या किसी बैंकिंग सर्विस का फायदा उठाना हो – हर जगह सबसे पहले एक ही सवाल पूछा जाता है – “आपका CIBIL स्कोर क्या है?”
अगर ये स्कोर 750 से ऊपर है, तो मानिए आपके फाइनेंशियल रिकॉर्ड शानदार हैं और बैंक भी आपको ‘विश्वसनीय ग्राहक’ मानता है। लेकिन अगर स्कोर गिर जाए, तो फिर लोन मिलना मुश्किल, ब्याज दरें ज्यादा और बहुत सारी दिक्कतें सामने आने लगती हैं।
अब सवाल ये है कि ऐसा क्या हो जाता है कि सिबिल स्कोर गिर जाता है? कई बार तो सिर्फ ₹500 की एक छोटी सी गलती आपके स्कोर को सीधा 100 पॉइंट तक गिरा सकती है। चलिए जानते हैं वो 4 सबसे कॉमन लेकिन खतरनाक गलतियां जो आपके CIBIL स्कोर को धीरे-धीरे या अचानक नीचे गिरा देती हैं।
समय पर लोन या क्रेडिट कार्ड का भुगतान न करना
यही सबसे बड़ा कारण है CIBIL स्कोर खराब होने का।
अगर आपने कोई EMI मिस की, या फिर क्रेडिट कार्ड का बिल देर से भरा, तो यह सीधे स्कोर पर असर करता है। बैंक को लगता है कि आप गैर-जिम्मेदार उधारकर्ता हैं।
एक महीने की देर भी आपके स्कोर में 50 से 100 अंक तक की गिरावट ला सकती है। बार-बार ऐसा हुआ तो बैंक लोन देने से भी इनकार कर सकता है।
बचाव का तरीका –
अपने लोन और कार्ड की EMI की तारीख डायरी या मोबाइल में सेव रखें। ऑटो डेबिट का विकल्प चालू करें ताकि पेमेंट भूलने का चांस न रहे।
क्रेडिट लिमिट का ज्यादा इस्तेमाल करना
क्रेडिट कार्ड मिला तो बहुत से लोग बिना सोचे समझे इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन यही आदत स्कोर गिरा सकती है।
अगर आप अपनी लिमिट का 30% से ज्यादा इस्तेमाल लगातार करते हैं, तो ये बैंक को दिखाता है कि आप पैसों पर ज्यादा निर्भर हैं। और यही बात स्कोर को डाउन कर देती है।
बचाव का तरीका –
अगर आपकी कार्ड लिमिट ₹1 लाख है, तो कोशिश करें कि हर महीने ₹30,000 से ज्यादा इस्तेमाल न हो। ज्यादा खर्च जरूरी हो तो लिमिट बढ़वाने की रिक्वेस्ट करें।
बार-बार लोन या कार्ड के लिए आवेदन करना
बहुत से लोग एक कार्ड या लोन रिजेक्ट होने के बाद तुरंत दूसरा अप्लाई कर देते हैं। लेकिन हर बार जब आप अप्लाई करते हैं, बैंक आपकी क्रेडिट रिपोर्ट चेक करता है – जिसे Hard Inquiry कहा जाता है।
अगर बहुत बार यह जांच होती है, तो आपका स्कोर धीरे-धीरे गिरने लगता है क्योंकि यह दर्शाता है कि आप लोन लेने के लिए ‘डेस्परेट’ हैं।
बचाव का तरीका –
एक बार में एक ही बैंक या संस्था से लोन या कार्ड के लिए अप्लाई करें। बार-बार कोशिश न करें। अगर रिजेक्ट हुआ है, तो पहले कारण समझें, सुधार करें फिर दोबारा अप्लाई करें।
क्रेडिट रिपोर्ट में गलत जानकारी
यह कारण थोड़ा टेक्निकल है लेकिन बहुत कॉमन है।
हो सकता है आपने लोन चुका दिया हो, लेकिन बैंक ने क्रेडिट ब्यूरो को अपडेट ही न किया हो। या फिर किसी और का बकाया गलती से आपके नाम पर दर्ज हो गया हो।
ऐसी गड़बड़ियां भी स्कोर गिरा देती हैं, और जब तक आप चेक नहीं करते, आपको पता भी नहीं चलता।
बचाव का तरीका –
साल में कम से कम एक बार अपनी क्रेडिट रिपोर्ट जरूर चेक करें। अगर कोई गड़बड़ दिखे, तो संबंधित बैंक या CIBIL से संपर्क करके सुधार करवाएं।
इसके अलावा ये भी हैं स्कोर गिरने के कारण
- बहुत ज्यादा लोन या कार्ड बकाया होना
- कभी कोई लोन या कार्ड न लेना (क्रेडिट हिस्ट्री न बन पाना)
- सिर्फ पर्सनल लोन या कार्ड लेना – यानी कोई सिक्योर्ड लोन न होना
- बार-बार कार्ड खोलना और बंद करना
खराब स्कोर के नुकसान क्या हैं?
- लोन मिलने में दिक्कत
- ज्यादा ब्याज दर पर लोन
- लिमिटेड लोन अमाउंट
- प्रीमियम कार्ड या ऑफर से वंचित
- भविष्य में घर, गाड़ी या बिजनेस लोन में परेशानी
CIBIL स्कोर कैसे सुधारे?
- सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर भरें
- क्रेडिट कार्ड लिमिट का 30% से कम इस्तेमाल करें
- बार-बार अप्लाई न करें
- साल में एक बार क्रेडिट रिपोर्ट चेक करें
- अगर गलती हो तो तुरंत सुधार करवाएं
- सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन का बैलेंस रखें
CIBIL स्कोर आपकी आर्थिक सेहत का आईना है। इसकी देखभाल उसी तरह जरूरी है जैसे आप अपने हेल्थ चेकअप का ध्यान रखते हैं।
छोटी-छोटी गलती जैसे EMI में चूक या लिमिट से ज्यादा खर्च, आपके स्कोर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
इसलिए इन बातों का ध्यान रखें, समय पर भुगतान करें और हमेशा जागरूक रहें।