ATM Charges Hike – अगर आप महीने में कई बार एटीएम से पैसे निकालते हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए निर्देशों के बाद अब देश के कई बड़े बैंकों ने एटीएम से कैश निकालने पर लगने वाले चार्ज में बदलाव कर दिए हैं। इस बदलाव का सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ने वाला है। खासकर उन लोगों पर जो बार-बार एटीएम का इस्तेमाल करते हैं। आइए आपको बताते हैं कि अब एटीएम से पैसे निकालने पर कितना चार्ज लगेगा, किन बैंकों ने ये नियम लागू किए हैं और आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
क्या है RBI का नया निर्देश?
भारतीय रिजर्व बैंक ने 28 मार्च 2025 को बैंकों को एटीएम लेनदेन शुल्क बढ़ाने की अनुमति दी थी। इसके बाद बैंकों ने अप्रैल और मई के बीच अपने ग्राहकों को नोटिस भेजकर नए चार्ज के बारे में जानकारी दी। अब 17 मई 2025 से यह नियम लागू कर दिया गया है।
RBI के मुताबिक, बैंक अपने ग्राहकों को महीने में सिर्फ 5 मुफ्त एटीएम लेनदेन (वित्तीय और गैर-वित्तीय दोनों मिलाकर) की सुविधा देंगे। इसके बाद अगर कोई ग्राहक एटीएम का इस्तेमाल करता है तो उसे हर लेनदेन पर चार्ज देना होगा।
कितना लगेगा नया चार्ज?
पहले फ्री लिमिट खत्म होने के बाद एक अतिरिक्त एटीएम ट्रांजैक्शन पर 21 रुपये चार्ज लगता था, लेकिन अब यह बढ़कर 23 रुपये हो गया है। इसके ऊपर जीएसटी भी देना होगा, जिससे यह राशि और बढ़ सकती है।
मान लीजिए आपने महीने में 8 बार एटीएम से पैसे निकाले। इसमें से 5 लेनदेन फ्री होंगे और बाकी 3 लेनदेन के लिए आपको 69 रुपये (23 × 3) + टैक्स देने होंगे। यानी अब आपको एटीएम इस्तेमाल करने से पहले बार-बार सोचना पड़ेगा।
मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों में कितना फर्क?
आरबीआई ने मेट्रो और नॉन-मेट्रो शहरों के लिए भी अलग-अलग फ्री लिमिट तय की है।
- मेट्रो शहरों (जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु आदि) में दूसरे बैंक के एटीएम से सिर्फ 3 मुफ्त लेनदेन की सुविधा है।
- नॉन-मेट्रो शहरों में यह सीमा 5 लेनदेन की है।
अपने बैंक के एटीएम से सभी शहरों में सिर्फ 5 फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा ही मिलेगी। इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर 23 रुपये + टैक्स लगेगा।
किन बैंकों ने लागू किए ये नए नियम?
भारत के कई बड़े बैंकों ने इस नियम को लागू कर दिया है। इसमें शामिल हैं:
- भारतीय स्टेट बैंक (SBI)
- पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
- एचडीएफसी बैंक (HDFC)
- इंडसइंड बैंक
इन बैंकों ने अपने ग्राहकों को मैसेज और ईमेल के जरिए भी इस बदलाव की जानकारी दी है। आने वाले दिनों में अन्य बैंक भी इसी दिशा में कदम उठा सकते हैं।
गैर-वित्तीय ट्रांजैक्शन पर भी शुल्क!
अब सिर्फ कैश निकालने पर ही नहीं, बल्कि मिनी स्टेटमेंट निकालने, बैलेंस चेक करने या पिन बदलने जैसे गैर-वित्तीय लेनदेन पर भी शुल्क लगेगा। पंजाब नेशनल बैंक के मुताबिक, ऐसे हर ट्रांजैक्शन पर 11 रुपये वसूले जाएंगे। यानी अगर आप सिर्फ बैलेंस चेक कर रहे हैं, तो वह भी मुफ्त नहीं रहा।
कैश रिसाइकलर मशीन (CRM) पर भी चार्ज
कई लोग आजकल कैश रिसाइकलर मशीन (CRM) का इस्तेमाल करते हैं। ये मशीनें कैश जमा और निकालने दोनों की सुविधा देती हैं। अब RBI के नए नियम के मुताबिक, इन मशीनों पर भी वही चार्ज लागू होंगे जो सामान्य एटीएम पर लगते हैं।
ग्राहकों पर क्या असर पड़ेगा?
अब अगर कोई व्यक्ति महीने में 10 बार एटीएम का इस्तेमाल करता है, तो उसे सिर्फ 5 बार फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा मिलेगी। बाकी 5 ट्रांजैक्शन पर उसे 115 रुपये (23 × 5) और टैक्स का भुगतान करना होगा। यह बोझ उन लोगों पर ज्यादा पड़ेगा जो कैश में ट्रांजैक्शन करना पसंद करते हैं या जिनके पास डिजिटल पेमेंट का विकल्प सीमित है।
डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने की कोशिश
बैंकों और RBI का कहना है कि इस कदम का उद्देश्य लोगों को डिजिटल पेमेंट की ओर मोड़ना है। यानी अगर आप UPI, मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग जैसे डिजिटल विकल्पों का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको किसी अतिरिक्त चार्ज की चिंता नहीं होगी।
RBI की कोशिश है कि देश में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा दिया जाए, ताकि नकद लेनदेन में कमी आए और पारदर्शिता बढ़े।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
अब जब एटीएम चार्ज बढ़ा दिए गए हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- महीने में एटीएम ट्रांजैक्शन की योजना पहले से बना लें।
- जब भी पैसे निकालें, ज्यादा रकम एक साथ निकालें, ताकि बार-बार एटीएम न जाना पड़े।
- UPI, फोन पे, गूगल पे, नेट बैंकिंग जैसे डिजिटल साधनों का अधिक उपयोग करें।
- अगर आपको बार-बार पैसे निकालने की जरूरत है, तो बैंक से कैश निकालने का विकल्प अपनाएं क्योंकि ब्रांच से निकासी पर आमतौर पर कोई चार्ज नहीं लगता।
RBI द्वारा तय किए गए नए नियमों के बाद, अब एटीएम से बार-बार पैसे निकालना महंगा हो गया है। खासकर उन ग्राहकों के लिए जो महीने में कई बार कैश निकालते हैं। हालांकि, इस कदम का उद्देश्य डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना भी है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम अपने खर्चों की योजना स्मार्ट तरीके से बनाएं और फालतू के एटीएम ट्रांजैक्शन से बचें।