ATM Charge Hike – अगर आप महीने में कई बार एटीएम से पैसे निकालते हैं तो अब आपको थोड़ा सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि मई 2025 से एटीएम ट्रांजैक्शन चार्ज बढ़ा दिया गया है और अब हर बार तय लिमिट के बाद पैसे निकालने पर ज्यादा पैसा देना पड़ेगा यानी अब मुफ्त ट्रांजैक्शन की सीमा पार करने पर जेब पर असर पड़ेगा और ये नियम सभी बैंकों पर लागू किया गया है चाहे आपका खाता सरकारी बैंक में हो या किसी प्राइवेट बैंक में हो
एटीएम चार्ज क्या होता है
एटीएम चार्ज वो राशि होती है जो बैंक आपसे पैसे निकालने पर लेते हैं हालांकि एक तय सीमा तक महीने में कुछ फ्री ट्रांजैक्शन मिलते हैं लेकिन उसके बाद हर बार निकासी पर शुल्क लगता है अभी तक यह चार्ज 21 रुपये था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 24 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दिया गया है
नया चार्ज स्ट्रक्चर क्या है
रिजर्व बैंक की गाइडलाइन के मुताबिक 1 मई 2024 से नया नियम लागू किया गया है जिसमें मासिक फ्री ट्रांजैक्शन की सीमा के बाद निकासी पर ₹24 देने होंगे पहले यह चार्ज ₹21 था यानी सीधा ₹3 का इजाफा किया गया है बैलेंस चेक करने या मिनी स्टेटमेंट लेने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा
मासिक फ्री लिमिट क्या है
फ्री ट्रांजैक्शन की लिमिट भी शहर के आधार पर अलग होती है जैसे
- मेट्रो शहरों में सिर्फ 3 फ्री ट्रांजैक्शन मिलते हैं
- गैर मेट्रो शहरों में 5 फ्री ट्रांजैक्शन की सुविधा है
उदाहरण के लिए अगर आप लखनऊ में रहते हैं और आपने मई महीने में 5 बार एटीएम से कैश निकाला तो आपको कोई चार्ज नहीं लगेगा लेकिन छठवीं बार से हर बार ₹24 देने होंगे
बदलाव क्यों किया गया है
बैंक ये बदलाव इसलिए कर रहे हैं क्योंकि एटीएम की ऑपरेशन कॉस्ट लगातार बढ़ रही है जैसे मशीनों का मेंटेनेंस कैश रिफिलिंग सुरक्षा जैसे खर्चे पहले के मुकाबले कहीं ज्यादा हो गए हैं ऐसे में इन खर्चों की भरपाई के लिए बैंक ने चार्ज बढ़ाने का फैसला लिया है
किसे ज्यादा असर पड़ेगा
- ग्रामीण इलाकों के लोग जिन्हें डिजिटल पेमेंट की सुविधा कम मिलती है और कैश पर ज्यादा निर्भर होते हैं
- पेंशनधारी जिन्हें छोटे छोटे खर्चों के लिए बार बार एटीएम से पैसे निकालने की जरूरत पड़ती है
- नौकरीपेशा लोग जो महीने में कई बार कैश निकालते हैं और ट्रांजैक्शन लिमिट जल्दी पार कर देते हैं
कैसे बचा जा सकता है इस चार्ज से
- कोशिश करें कि एक ही बार में ज्यादा कैश निकालें ताकि फ्री ट्रांजैक्शन लिमिट खत्म न हो
- डिजिटल पेमेंट जैसे UPI फोनपे गूगलपे पेटीएम का ज्यादा इस्तेमाल करें क्योंकि ये सेवाएं बिल्कुल मुफ्त हैं
- बैलेंस चेक करने के लिए एटीएम की बजाय बैंक की मिस्ड कॉल सर्विस या मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करें
- अपने बैंक के एटीएम से ही पैसे निकालें क्योंकि वहां ट्रांजैक्शन लिमिट ज्यादा फायदेमंद होती है
छात्र और बुजुर्ग क्या करें
छात्रों को चाहिए कि वो ऑनलाइन पेमेंट को अपनाएं क्योंकि आजकल कॉलेज फीस फॉर्म भरना ट्यूशन फीस जैसे कामों के लिए डिजिटल ट्रांजैक्शन ही ज्यादा सुविधाजनक हैं वहीं बुजुर्गों के लिए बैंक विशेष सुविधा या छूट देने पर विचार कर रहे हैं लेकिन अभी तक कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है
क्या सरकार कुछ करेगी
वित्त मंत्रालय से जुड़े कुछ अधिकारियों ने कहा है कि सरकार इस बढ़ोतरी पर विचार कर रही है खासतौर पर बुजुर्गों और ग्रामीण ग्राहकों के लिए कोई राहत दी जा सकती है हालांकि फिलहाल ऐसा कोई नियम नहीं आया है लेकिन जनता के बीच बढ़ती नाराजगी को देखते हुए संभावना जरूर है
क्या ये बढ़ोतरी जायज है
बैंक और एटीएम ऑपरेटर के लिहाज से देखें तो हां क्योंकि लागतें बढ़ रही हैं लेकिन आम आदमी के लिए ये बढ़ोतरी बोझ जैसी लगती है खासकर तब जब महंगाई पहले से ही बढ़ी हुई है और हर जगह बचत करना जरूरी हो गया है
कैसे रखें ट्रांजैक्शन का हिसाब
बैंक के मोबाइल ऐप या नेट बैंकिंग से आप अपनी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री देख सकते हैं और जान सकते हैं कि आपने महीने में कितनी बार पैसे निकाले हैं इससे आपको अंदाजा रहेगा कि अगली बार आपको चार्ज लगेगा या नहीं
ATM से पैसे निकालना अब पहले जितना सस्ता नहीं रहा इसलिए बेहतर यही होगा कि हम अपनी फाइनेंशियल आदतों में थोड़ा बदलाव करें ज्यादा से ज्यादा डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल करें और जहां जरूरी हो वहीं कैश निकालें ताकि ₹24 जैसे छोटे छोटे चार्ज साल के अंत में ₹500 से ₹1000 तक का बोझ न बन जाए
Good suggestion.