7th Pay Commission – अगर आप केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं या पेंशनर्स में से एक हैं, तो आपके लिए खुशखबरी है। 7वें वेतन आयोग के बाद अब केंद्र सरकार 8वें वेतन आयोग की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। 16 जनवरी 2025 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 8वें वेतन आयोग को हरी झंडी दे दी है, जिससे सरकारी कर्मचारियों और पेंशनधारकों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ गई है।
अब सवाल ये उठता है कि इससे आपकी सैलरी और पेंशन पर क्या असर पड़ेगा। आइए, इस पूरे अपडेट को विस्तार से और एकदम सरल भाषा में समझते हैं।
क्या होता है फिटमेंट फैक्टर?
सरकारी वेतन निर्धारण में एक शब्द बहुत ज़्यादा सुनने को मिलता है – फिटमेंट फैक्टर। यह एक ऐसा गुणांक होता है जिससे कर्मचारी के बेसिक पे को गुणा करके नई सैलरी तय की जाती है। 7वें वेतन आयोग में यही फैक्टर 2.57 रखा गया था। मतलब अगर किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी ₹10,000 थी, तो नई सैलरी हो गई ₹25,700।
अब अगर 8वें वेतन आयोग में यही 2.57 या इससे ज़्यादा का फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो सैलरी में जबरदस्त उछाल देखा जाएगा।
8वें वेतन आयोग में कितना होगा फिटमेंट फैक्टर?
नेशनल काउंसिल ज्वाइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC-JCM) ने सरकार से कम से कम 2.57 या इससे ज़्यादा का फिटमेंट फैक्टर लागू करने की मांग की है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्मचारी संगठनों ने 2.86 का फिटमेंट फैक्टर तक प्रस्तावित किया है, जबकि कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि 1.92 फिटमेंट फैक्टर भी व्यावहारिक हो सकता है।
- अगर 2.57 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो वर्तमान ₹18,000 की न्यूनतम सैलरी बढ़कर ₹46,260 हो जाएगी।
- अगर 1.92 फिटमेंट फैक्टर लागू होता है, तो वही ₹18,000 की सैलरी बढ़कर ₹34,560 हो जाएगी।
इससे यह साफ हो जाता है कि किसी भी स्थिति में सैलरी में अच्छी खासी बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
पेंशनर्स के लिए क्या है अपडेट?
जैसे कर्मचारियों की सैलरी बढ़ेगी, वैसे ही पेंशनर्स की पेंशन भी बढ़ेगी। फिलहाल जिनकी न्यूनतम पेंशन ₹9,000 है, वो अगर 2.57 फैक्टर लागू होता है, तो बढ़कर ₹23,130 तक हो सकती है।
पेंशनर्स लंबे समय से महंगाई के अनुरूप पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। ऐसे में ये अपडेट उनके लिए काफी राहत देने वाला साबित हो सकता है।
पुराने मानकों में बदलाव की मांग
कई कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वेतन बढ़ोतरी के लिए अब तक जिन मानदंडों को अपनाया जाता रहा है, वो आज के दौर के हिसाब से काफी पुराने हो चुके हैं। महंगाई, निजी क्षेत्र से प्रतिस्पर्धा, और जीवन स्तर को देखते हुए कर्मचारियों की आर्थिक जरूरतें पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं।
इसलिए अब वक्त आ गया है कि सरकार फिटमेंट फैक्टर की गणना में नई सोच अपनाए और कर्मचारियों को बेहतर वेतन दे।
8वां वेतन आयोग कब तक लागू हो सकता है?
सरकार की योजना है कि अप्रैल 2025 तक आयोग के गठन की आधिकारिक घोषणा कर दी जाए। इसके तहत आयोग के चेयरमैन और अन्य दो सदस्यों के नामों का ऐलान भी किया जाएगा।
आमतौर पर आयोग बनने के बाद उसकी सिफारिशों को लागू करने में 12 से 18 महीने का समय लगता है। तो अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 2026 की शुरुआत से नए वेतनमान लागू हो सकते हैं।
क्या होगा मौजूदा डीए का?
8वें वेतन आयोग के लागू होने से पहले महंगाई भत्ता (DA) अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका होगा। अप्रैल 2025 तक डीए में एक और बढ़ोतरी की संभावना है, जिससे यह करीब 50% तक पहुंच सकता है।
ऐसे में जब नया वेतन आयोग लागू होगा, तो पुरानी व्यवस्था की तरह डीए को फिर से रीसेट किया जाएगा और नई सैलरी के अनुसार फिर से डीए गणना शुरू होगी।
क्या कर्मचारी खुश हैं?
ज्यादातर कर्मचारी संगठनों और यूनियनों ने इस फैसले का स्वागत किया है। कर्मचारियों का मानना है कि 7वें वेतन आयोग के बाद बीते 10 वर्षों में महंगाई ने काफी असर डाला है और उनकी सैलरी उस अनुपात में नहीं बढ़ी।
ऐसे में 8वां वेतन आयोग लागू होना एक बहुत बड़ा राहत देने वाला फैसला होगा, जिससे लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स को आर्थिक मजबूती मिलेगी।
8वें वेतन आयोग की मंजूरी से केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए खुशखबरी की शुरुआत हो गई है। चाहे बात हो सैलरी की हो या पेंशन की, हर तरफ फायदे ही फायदे हैं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार फिटमेंट फैक्टर को कितना तय करती है और आयोग की सिफारिशें कब तक लागू होती हैं।
सरकार की ओर से जैसे-जैसे घोषणाएं आती रहेंगी, हम आपको हर ताजा अपडेट देते रहेंगे। तब तक आप भी तैयार रहिए एक नई और बेहतर सैलरी स्लिप के लिए।